सिंगरौली के वायु प्रदूषण पर लॉकडाउन का प्रभाव
Impact of Lock down on Air Quality of Singrauli District.
कोविड-19 के कारण भारत में किये गए 25 मार्च 2020 को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने भारत देश में वायु की गुणवत्ता में बहुत सुधार किया था। कोविड-19 महामारी को एक रूप में प्रकृति का आशीर्वाद भी माना जा सकता है। इस कारण कम से कम हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ था और पृथ्वी ने स्वयं को पुनर्जीवित किया था।
[pullquote align=”right”]सिंगरौली की गणना भारत से सबसे अधिक प्रदूषित नगरों में की जाती है [/pullquote]इस सुधार को हम सभी सिंगरौली वासियों ने महसूस भी किया था। देश में लगाये गए पूर्ण लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा था।और इसके विपरीत,सड़कों पर सीमित वाहनों के होने के कारण वायु प्रदूषण में नाटकीय रूप से कमी देखि गई थी। इस शोध ने बताया की, भले ही दिल्ली और मुंबई में वायु प्रदूषण में कमी आई हो,पर सिंगरौली क्षेत्र में ज्यादा फर्क नहीं देखा गया । इसका मुख्य कारण सिंगरौली में चालू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का होना है। भले हम अपने घरों में बैठे हों, परन्तु चिमनियाँ लगातार धुंआ उगल रही थीं।
लॉकडाउन के दौरान सिंगरौली की वायु गुणवत्ता पर किया गया शोध।
Research on Air Quality of Singrauli Dist. during Lock Down
[heading style=”default” size=”13″ align=”center” margin=”20″]शोध कार्य के किये दिल्ली , मुंबई और सिंगरौली को चुना गया ।[/heading]इस बात को वैज्ञानिक कसौटी पर परखने के लियी, भारत के तीन सबसे प्रद्युषित स्थानों को शोध के लिए चुना गया था। ये शोध एक ही समय पर दिल्ली, मुंबई एवं सिंगरौली में किया गया।शोधकर्ताओं ने इन तीनो ही स्थानों पर अलग अलग समय में वायु गुणवत्ता के आंकड़ो का विश्लेषण किया । चित्र 1 में दर्शाया गया है कि दिल्ली, मुंबई और सिंगरौली में लॉकडाउन से पहले, यानी 01/03/20 से 24/03/2020) और लॉकडाउन के दौरान, यानी 25/03/20 से 15/04/2020 में दैनिक महत्वपूर्ण वायु प्रदूषकों की क्या स्थिति रही थी । ( NAAQS is National Ambient Air Quality Standards )
सिंगरौली को क्यों चुना गया ?
Why Singrauli was chosen for AQI Research ?
यद्यपि जिला सिंगरौली की जनसंख्या दिल्ली और मुंबई की तुलना में बहुत ही कम है। परन्तु सिंगरौली में कई बिजली संयंत्रों का परिचालन होता है, इस कारण सिंगरौली, दुर्भाग्य से भारत के अत्यधिक प्रदूषित नगरों में से एक के अंतर्गत आता है।
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इस शोध से जो वायु गुणवत्ता के प्रारंभिक आंकड़े प्राप्त हुए, उसका विश्लेषण से पता चलता है वायु प्रद्युशन में कमी के कारण साँस संबंधी रोग, हृदय रोग, अस्थमा, अकाल मृत्यु आदि जैसे कई स्वास्थ्य समस्याओं को काफी कम किया जा सकता है है। वायु प्रदूषण पर लॉकडाउन के ये सकारात्मक प्रभाव सरकार और अधिकारियों को विश्वास दिला सकते हैं कि सख्त वायु गुणवत्ता नीतियों और उत्सर्जन नियंत्रण नीतियों के कार्यान्वयन से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
सिंगरौली में वायु गुणवत्ता पर किये गए शोध का परिणाम ।
Results of Air pollution research on Singrauli Dist.
सिगरौली में, दिल्ली और मुंबई की तुलना में वायु गुणवत्ता पर लॉकडाउन का प्रभाव कम अनुकूल था। प्रमुख प्रदूषकों (अर्थात PM10, PM2.5, SO2 और O3) के संकेंद्र्रण (Concentration) ने पोस्ट-लॉकडाउन चरण (चित्र 1) के दौरान एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति दिखाई है। NO2 और SO2 का दैनिक औसत स्तर ज्यादातर लॉकडाउन के दौरान सभी दिनों में NAAQS के संदर्भ मूल्य से नीचे रहा। हालांकि, लॉकडाउन के बाद के चरण के दौरान PM10 और PM2.5 का स्तर NAAQS संदर्भ मूल्य से अधिक हो गया। यह देखा जा सकता है कि सिंगरौली दिल्ली और मुंबई की तुलना में एक उच्च SO2 शहर है, जिसमें से अधिकांश प्रदूषक शहर में स्थापित सबसे बड़े कोयला आधारित बिजली संयंत्र से उत्पन्न होते हैं।
सिंगरौली ने लॉकडाउन चरण के दौरान PM10 (58.85%), PM2.5 (15.27%), SO2 (11.82%) और O3 (35.07%) की संकेन्द्रण में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई थी। PM10, PM2.5, SO2 और O3 की औसत संकेन्द्रण में वृद्धि और पोस्ट-लॉकडाउन चरण में NO2 के स्तर में अपेक्षाकृत कम कमी को सिंगरौली में चल रहे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से जोड़ा जा सकता है। गौरतलब है कि भारत का सबसे बड़ा पावर स्टेशन विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन और सिंगरौली सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन लॉकडाउन के दौरान चालू रहा।
Research work by,
Ms. Pratima Kumari & Ms. Durga Tonshiwal Original Source – Read Here