स्वo श्री विजयानंद जायसवाल: जिन्होंने सिंगरौली के क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुँचाया।
1985 में भारत ने पाकिस्तान को पराजित कर आस्ट्रेलिया में हुए Benson & Hedges विश्व क्रिकेट प्रतियोगिता जीता था। यह वह समय था जब पूरे देश में क्रिकेट का बुखार युवाओं पर चढ़ा रहा था। हालांकि उस समय उस मैच का सीधा प्रसारण उपलब्ध नहीं था जब के तीन वीडियो कैसिटों में कैद होकर वह मैच पूरे भारत में देखा जा राहा था।और फिर भला इस क्रिकेट के खुमारी से सिंगरौली क्षेत्र भी कैसे बच सकता था ? यह वह समय था जब सिंगरौली से किसी भी बड़े शहर् में जाने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, और जबलपुर के लिए इक्का-दुक्का ट्रेन और बनारस भी जाना बहुत ही दूभर था।
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श्री विजयानंद जायसवाल की क्रिकेट यात्रा।
फुटबॉल के साथ साथ,श्री विजयानंद जयसवाल को क्रिकेट खेलने में भी बहुत रुचि थी।और सिंगरौली क्षेत्र में क्रिकेट के अच्छे सामान का आभाव था। फिर क्या था, अपने कुछ मित्रों के साथ चल दिए बनारस ताकि क्रिकेट का सामान खरीदा जा सके। सामान आ गया और एक दो टीमें भी तैयार हो गई व आपस में मैत्रीय मैचों की भी शुरुआत हो गई। यही आज का चुन कुमारी स्टेडियम जो कभी एक खुला मैदान हुआ करता था, उसी पर कभी बैढन बनाम सिंगरौली, बैढन बनाम झिनगुर्दा या फिर बैढन बनाम जयंत के बीच क्रिकेट मैच होने लगे। उस समय अच्छी क्रिकेट पिच उपलब्ध नहीं थी तो जयंत के खिलाड़ी बस में क्रिकेट मैट भी लेकर आ जाते थे। हार जीत के पश्चात अगले मैच की तारीख भी तय हो जाया करती थी।
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श्री विजयानंद जायसवाल की NCL में नियुक्ति।
चूँकि उस समय क्रिकेट आजीविका का साधन नहीं हो सकता था, श्री वी.एन.जायसवाल ने NCL में नौकरी करना ठीक समझा, और उनकी नियुक्ति भी एनसीएल में हो गई ।परन्तु क्रिकेट का शौक कहां मरने वाला था, उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और एनसीएल,निगाही क्रिकेट टीम का कप्तान बनकर निगाही को कई बार विजय दिलवाए।आगे चलकर वे सम्पूर्ण NCL के क्रिकेट टीम के कप्तान बने और अपनी टीम के साथ वह कोलकाता नागपुर आसनसोल आंध्र प्रदेश के कई शहरों में खेलने गए।इससे उनकी क्रिकेट खेलने के साथ साथ, क्रिकेट प्रतियोगिताएँ करवाने की भी समझ बहुत बढती गई।
सिंगरौली जिला क्रिकेट एसोसिएशन का गठन।(Dist.Cricket Association,Singrauli)
सन 2011 की बात है जब श्री विजयानंद जायसवाल की आयु अब उतनी युवा नहीं रही थी पर क्रिकेट से जुड़ाव बनाए रखना चाहते थे। एक दिन अचानक उन्होंने अपने सभी खिलाड़ी साथियों व कुछ वरिष्ठ गणमान्य लोगों के साथ एक मीटिंग की प्रस्तावना रखी।मीटिंग के दौरान उनका कथन था कि, हम सब खिलाड़ी भले ही कितना अच्छा खेलें परंतु हमारे पास ऐसा कोई मंच नहीं जिससे सिंगरौली के खिलाड़ी, राज्य,राष्ट्रीय,या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर पा सकें ।
इस तरह वर्ष 2011 में कुछ प्राथमिक सदस्यों के साथ डीoसीoएo सिंगरौली (Dist.Cricket Association Singrauli) का गठन किया गया । डीoसीoएo सिंगरौली को औपचारिक रूप देने में संगठन के वरिष्ठ सदस्य श्री राजमोहन श्रीवास्तव जी का महत्वपूर्ण योगदान व मार्गदर्शन रहा, तथा उन्ही के सहमति व प्रेरणा से श्री विजयानंद जायसवाल संगठन के सचिव पद पर भी नियुक्त हुए।[pullquote align=”left”]Contribution of Shri R.K.Singh, GM, NTPC V’Nagar and Late Shri Manoranjan Dey Kirti is indispensable for DCA , Singrauli [/pullquote](Shri Vijayanand Jaiswal was the Ist Hon’ble Secretary of Dist Cricket Association, Singrauli). आरंभ में श्री जायसवाल ने संगठन में होने वाले व्यय का वाहन स्वयं किया परंतु धीरे-धीरे स्थानीय प्रशासन से व NTPC, Vindhyanagar एवं Northern Coalfields Limited से सहायता मिलनी लगी।इस प्रकार डीसीए ने,श्री विजयानंद जायसवाल के नेतृत्व तथा श्री राजमोहन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन, और अन्य सदस्यों के कड़ी मेहनत के कारण, जल्द ही अपनी पहचान प्रदेश के सबसे सक्रिय क्रिकेट संगठनों में बना ली।
श्री विजयानंद जायसवाल का आकस्मिक निधन ।
वर्ष 2020 व 2021 मध्य तक कोरोना के कारण देश भर की तरह सिंगरौली में भी लॉकडाउन रहा। और संगठन के भी सभी कार्यक्रम स्थगित करने पड़े। सभी सदस्यों का आपस में मेल मिलाप भी घटने लगा। इसी बीच अचानक एक बहुत ही दुखद समाचार प्राप्त हुआ। दिनांक 13 अप्रेल 2021 को उपचार के दौरान, हृदयगति रुक जाने से श्री विजयानंद जायसवाल जी का 52 वर्ष की आयु में असामयिक निधन हो गया। नात रिश्तेदारों एवं इष्ट मित्रों के साथ साथ सभी क्रिकेट प्रेमियों में भी शोक की लहर छा गई।
इश्वर ने एक बहुत ही संघर्षशील एवं सभी के चहेते श्री विजयानंद जायसवाल जी को हमसे छीन लिया। परन्तु DCA के सचिव के रूप में उनके द्वारा किये गए कार्य सिंगरौली वासियों को हमेशा स्मरण रहेगा। इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
A tribute By P.Kaushal.
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