सिंगरौली का एक विद्यालय,जहाँ दोनों हाथों से लिकते हैं बच्चे !

हमें हमेशा अपने दैनिक कार्यों के लिए अपने दाहिने हाथ का उपयोग करना सिखाया गया है, है ना? जो लोग बाएं हाथ का उपयोग करते हैं उनको अतीत में उनके स्वभाव के लिए सताया गया है, लगभग 10 प्रतिशत आबादी के दायें हाथ से लिखने के बावजूद , उन्हें बुराई या कुछ अलग रूप में लेबल किया गया है। अब आप सोचेंगे, इसमें नया क्या है? अगर हम लिखने के बारे में बात करते हैं, तो आपने देखा होगा कि ऐसे भी लोग हैं जो अपने बाएं हाथ से लिखते हैं और वे इसमें बहुत अच्छे हैं! दिलचस्प है, दायें हाथ की उनकी लिखावट का शानदार परिणाम दीखता है। लेकिन विचित्र बात यह है कि दुनिया भर में ऐसी  प्रतिभाएं हैं जो दोनों हाथों का उपयोग करके लिख सकती हैं।

बुढ़ेला गाँव के वीणा वादिनी विद्यालय के अनूठे बच्चे !

हां, और ऐसे लोग भारत के मध्य प्रदेश में सिंगरौली नामक स्थान पर मौजूद हैं। वीणा वादिनी स्कूल जो कि 8 जुलाई 1999 में स्थापित हुआ, उसके छात्रों में अपने स्कूल कापी में लिखने की समान कौशल के साथ दोनों हाथों का उपयोग करने की यह अकल्पनीय प्रतिभा है। ये विद्यालय सिंगरौली से 15 km की दूरी पर बुढेला गाँव में है। YouTube पर इन बच्चों का विडियो 3 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं और Whatsapp पर भी बहुत वायरल हुआ है।  

3 Idiots

छह अलग-अलग भाषाओं के लिए दोनों हाथ ?
  • यह भारत का एक और एकमात्र ‘महत्वाकांक्षी’ स्कूल है, जिसमें 150 से अधिक छात्र हैं (अधिकतर दलित एवं आदिवासी) जो एक ही समय में एक साथ दोनों हाथों से लिखते हैं।
  • इन छात्रों के पास दोनों हाथों से लिखने गति भी कमाल की है  और इस जगह के बारे में एक और आकर्षक बात यह है कि वे छह अलग-अलग भाषाओं जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, और रोमन में लिख सकते हैं। विदेशी भाषा के रूप में ये स्पेन की भाषा भी सेख रहे हैं।

ये छात्र तीन घंटे की परीक्षा डेढ़ घंटे में समाप्त करते हैं

  • ये छात्र एक या डेढ़ घंटे में तीन घंटे की लंबी परीक्षा समाप्त कर सकते हैं
  • इस असाधारण कौशल के पीछे कौन है?

श्री बी.पी. शर्मा, शिक्षक और स्कूल के प्रिंसिपल, एक पूर्व-सैनिक हैं, जो भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के इसी प्रतिभा से बहुत प्रेरित थे।उन्होंने बताया की देश विदेश से कई शोधकर्ता यहाँ शोध के लिए आ चुके हैं,और लगातार फोन भी आता रहता है । उन्होंने ये कहा कि उनकी संस्था आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है।कई बार श्री शर्मा के पास अन्य शिक्षकों को वेतन देने के लिए भी दिक्कत होती है। उन्होंने भरी मन से कहा कि अगर यही स्थिति रही तो एक दिन उनको ये विद्यालय बंद करना पड़ेगा।  

Use both hands for writting

उन्होंने बताया कि वह अपने छात्रों को कैसे सिखाता है:

  • जब भी कोई नया बच्चा आता है, तो वह एक हाथ से कलम पकड़ता है, और फिर उन्हें एक महीने के बाद अपने दूसरे हाथ का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है। उसके बाद, छात्रों को दोनों हाथों का एक साथ उपयोग करना सिखाया जाता है।
  • 45 मिनट की कक्षा में, प्रत्येक छात्र 15 मिनट दोनों हाथों से लिखने का अभ्यास करता है। ज्यादातर बच्चों के अभिभावक अनपढ़ हैं,और दूसरी तरफ ये बच्चे दोनों हाथों से लिखने की स्पर्धा एक दुसरे से करते रहते हैं।

Students write with both hands

इनका यह कौशल क्या दर्शाता है?

इनकी ये प्रतिभा यह इंगित करती है कि हर व्यक्ति के  मस्तिष्क के बाएँ और दाएँ पक्ष बहुत हद तक संतुलित एवं symetrical हैं

रीडर्स डाइजेस्ट में प्रकाशित एक लेख के अनुसार कुल जनसंख्या का केवल 1 प्रतिशत लोग ही इस प्रकार अपने दोनों हाथों का उपयोग एक साथ कर के लिख सकते हैं

कुछ अन्य प्रसिद्ध व्यक्तित्व जिनमे यह प्रतिभा हैं

डॉo राजेंद्र प्रसाद, लियोनार्डो दा विंची, बेन फ्रैंकलिन और अल्बर्ट आइंस्टीन इतिहास के कुछ सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं जो भारत में इन छात्रों के समान दोनों हाथों से एक साथ लिखने का कौशल रहा है।

इस विद्यालय पर इंग्लैंड के भी समाचार पात्र में लिख छप चूका है। नीचे उसका लिंक दिया गया है। https://www.dailymail.co.uk/news/article-5651785/Indian-school-pupils-taught-ambidextrous.html

 

 

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