A Tale of MOHAN,The White Tiger of Rewa.रीवा का सफ़ेद बाघ “मोहन”
सिंगरौली से लगभग 200 की दूरी पे स्थित रीवा शहर यूं तो अपने प्राकृतिक जलप्रपातों के कारण विख्यात है,परंतु देश के बहुत कम लोग ही जानते होंगे की रीवा का आकर्षण मोहन नाम (MOHAN,The White Tiger of Rewa)का सफेद बाघ भी रहा है।
How MOHAN,The White Tiger reached Rewa ?
मई 1951 में जब एक बार राजा मार्तंड सिंह शिकार के लिए अपने दल के साथ बांधवगढ़ के जंगलों में गए तो वहां पर उन्होंने एक शेरनी को अपने 4 शावकों के साथ देखा,जिनमे से एक सफ़ेद रंग का था।राजा मार्तंड सिंह ने बाकी 3 शावकों का शिकार कर दिया और इस 9 महीने के सफ़ेद शावक को पकड़ कर अपने 150 कमरे के महल में रख लिया।इस सफ़ेद बाघ का नाम उन्होंने मोहन रक्खा और उसके लिए एक बहुत ही खुला क्षेत्र अपने ही महल में उपलब्ध करवाया,जहाँ महान मोहन अपने जीवन के 19 साल और 7 महीने की अवस्था में मर गया।
Mohan-The White Tiger Was Very Special.
कहते हैं रीवा के राजा मार्तंड सिंह ने अपने जीवन काल में 131 बाघों का शिकार किया था परंतु बाद में उन्होंने शिकार बंद कर दिया और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी से संपर्क कर के बांधवगढ़ को राष्ट्रीय उद्यान की श्रेणी में डलवाने का सफल प्रयास किया।आज भी लोग बांधवगढ़ जाते हैं और टाइगर सफारी का आनंद लेते हैं। मोहन के सफेद रंग और नीली आंखों से राजा मार्तंड सिंह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने और भी मोहन जैसे सफ़ेद बाघों की इच्छा जताई।इसके लिए उन्होंने मोहन और साधारण बाघों के प्रजनन के प्रयोग करवाए।कुछ लोग ये भी मानते हैं कि विश्व में जितने भी बंधक बाघ हैं,उनका संबंध परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मोहन से अवश्य है।
Also Read : सिंगरौली में लॉक डाउन पर प्रकृति प्रसन्न है ।
RediscoveryProject नाम की एक संस्था ने अपने website में कुछ ऐसी बातों का भी उल्लेख किया है जिनसे पता चलता है कि मोहन से साथ हुए इन प्रयोगों ने मोहन को अवसाद में डाल दिया था। जानने के लिए इस Link को Click करें।https://rediscoveryproject.com/2017/07/14/white-tiger-rewa/
एक न्यूजीलैंड के वन्यजीव प्रेमी ने भी मोहन के सम्पूर्ण जीवन पर अध्यन किया है और उसे इस लेख में प्रस्तुत भी किया है।पढने के लिए यहाँ Click करें ।http://www.lairweb.org.nz/tiger/rewa2.html
— ज्यादातर जानकारी MP Tourism की website और Wikipedia से ली गई हैं।