क्या श्री राम काल्पनिक हैं? Is Lord Ram a myth ?
भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हैं।त्रेता युग में अयोध्या नगर में श्री राम का जन्म हुआ था। श्री राम का जन्म रघुकुल राज परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम कौशल्या एवं उनके पिता का नाम राजा दशरथ था । भगवान श्रीराम भारतवर्ष में अत्यंत पूजनीय माने जाते हैं। श्रीराम का प्रभाव इतना है की आम बोलचाल में भी यह साफ दिखाई देता है। “राम राम भैया”,”अब राम ही बचाए”, “अपनी राम कहानी सुनाओ”,”अब राम ही भली करेंगे”, ”अपनी राम कथा सुनाओ” इत्यादि वाक्यों से पता चलता है श्री राम कैसे भारत के मूल में बसते हैं।
परंतु गत कुछ वर्षों में राजनीतिक कारणों से श्री राम के अस्तित्व पर कई लोगों ने प्रश्न उठाए और श्री राम पे लिखे गए “रामायण” को काल्पनिक बताया।इसी कड़ी में भारत और श्रीलंका के बीच स्थित रामसेतु को वैश्विक-आर्थिक कारणों से नष्ट करने का भी प्रयास किया गया। क्या श्री राम काल्पनिक हैं? Is Lord Ram a myth?
आज मैं रामायण के एक रोचक तथ्य की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहा हूँ।
सीता मइया का रावण द्वारा हरण। Abduction of Sita by Ravan.
श्री रामायण के अरण्यकांड में मइया सीता का रावण द्वारा अपहरण करने का उल्लेख है।इसी कांड में लक्ष्मण द्वारा शूर्पनखा की नाक काटने का भी उल्लेख है। यह घटना महाराष्ट के नासिक मैं स्थित स्थान पंचवटी में घटी थी। इसी कारण नासिक को इस नाम से जाना जाता है।
हम्पी में सीता द्वारा आभूषण गिराना। Sita Drops her ornaments in Hampi.
किशकिन्धा कांड में यह वर्णित है की कि जब रावण मइया सीता को “पुष्पक विमान” में हर के ले जा रहा था तब मइया सीता ने अपने आभूषण एक कपड़े में बांधकर भूमि पर गिरा दिए थे। बाद में वह आभूषण सुग्रीव को ऋष्यमूक पर्वत पर्वत पर प्राप्त हुए थे।यह स्थान कर्नाटक में आज भी स्थित है और “हंपी” नाम से विख्यात है। इसके आसपास का सारा क्षेत्र किशकिन्धा ही कहलाता है।
लेपाक्षी में रावन और गरुड में युद्ध।Contest between Ravan & Garud in Leepakshi.
आगे चलकर यह भी वर्णित है की रावण द्वारा सीता को बलपूर्वक हरण कर के ले जाते समय “गरुड़” नामक पक्षी ने रावण का विरोध किया था और इस संघर्ष में रावण ने गरुड़ के दोनों पंख काट दिए थे। इसी पक्षीराज के नाम पर उस स्थान का नाम “लेपाक्षी” है जोकि आज भी आंध्र प्रदेश में स्थित है।
रावण मइया सीता को वायुमार्ग से ले गया। Ravan took Sita by Air Route.
अब नीचे दर्शाए चित्र में इन तीनों स्थान को देखिए की किस प्रकार यह तीनों स्थान एकदम सीध में है और आगे चलकर यह मार्ग रावण की नगरी लंका तक जाता है। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि रावण ने सबसे छोटा मार्ग अपनाया और वायु मार्ग का प्रयोग किया। इसलिए रामायण में वर्णित पुष्पक विमान सिर्फ एक कल्पना नहीं जबकि सत्य प्रतीत होता है।
आज के युग के मानव को इस अहंकार से बचना चाहिए की वह इस पृथ्वी पर सबसे सर्वश्रेष्ठ और गुणी है। ना जाने कितने युग बीत गए जिनका हमें कोई ज्ञान नहीं और यह बिल्कुल संभव है की त्रेता युग में जिन बातों का वर्णन आता है वह सत्य ही हो।
— स्रोत: श्री बाल्मीकि रामायण ।
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—- P.K